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कांग्रेस ने 'सांप्रदायिक भाषण' को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के ख़िलाफ़ की चुनाव आयोग से शिक़ायत

 22 Apr 2024

कांग्रेस ने सांप्रदायिक भाषण के ज़रिए ध्रुवीकरण कराने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के ख़िलाफ  चुनाव आयोग से शिक़ायत की है। कांग्रेस ने पीएम मोदी के ‘संपत्ति बाँटने’ वाले भाषण पर अपनी आपत्ति दर्ज़ करायी है।कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के भाषण को विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए चुनाव आयोग से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई की भी माँग की है।


कांग्रेस की पाँच मुख्य माँगे-


कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग में कुल 17 शिक़ायतें दर्ज़ करवायी हैं। जिसमें से पांच माँगों को कांग्रेस ने मुख्य रूप से उठाया है। वो पांच माँगे इस प्रकार हैं -

1. कांग्रेस ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने राजस्थान की रैली में जिस तरह से एक समुदाय के ख़िलाफ ‘गंदा भाषण’ दिया है, यह चुनाव आयोग की आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐसे भाषणों से उनके पद की गरिमा, संविधान और चुनाव आयोग के प्रति विश्वास को बड़ा झटका लगता है।

2. भाजपा ने गुजरात समेत कई जगहों पर धर्मों से संबंधित तस्वीरों को लगाया है जो कि आचार संहिता के नियमों के हिसाब से ठीक नहीं है। 

3. सूरत में कांग्रेस के जिन उम्मीदवारों को चार प्रस्तावक अब लापता है। उनके बारे में अभी तक किसी को कोई जानकारी नहीं हैं। इसके अलावा सूरत में जितने भी विपक्ष के नेता हैं वे सभी अचानक से अपना नाम वापस ले लेते हैं, ऐसे में सूरत में चुनावों को रद्द किया जाना चाहिये।

4. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से न्यूज़18 चैनल के अमीश देवगन के एक प्रोग्राम को बंद करने की मांग की है। पार्टी ने देवगन का प्रोग्राम ग़ैरक़ानूनी और सांप्रदायिक बताया है। 
 

5. कांग्रेस ने कर्नाटक में राहुल गाँधी के चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है।


प्रधानमंत्री के भाषण में झलकी सांप्रदायिकता

प्रधानमंत्री द्वारा रविवार को राजस्थान की एक चुनावी रैली में ‘मुस्लिम’ समाज के ख़िलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के ख़िलाफ कई  आपत्तिजनक आरोप लगाये थे।


राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री के भाषण पर जवाबी हमला करता हुए बोला, ‘नरेंद्र मोदी पहले चरण के चुनावों में हार को देखकर निराश हो गए हैं। जिसके बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर बेहद गिर गया है। प्रधानमंत्री लोगों को मुद्दों से भटका रहे हैं।’